जयोत्री एकेडमी बचपन स्कूल आज ज्ञान का वह दीपक जला रहाहै,जिसके प्रकाषसेप्रकाषप्रकाषितहोकरछात्र-छात्राएँ नवीन परिवेष में अपने जीवन का नवसृजन कर सकें।इसके अतिरिक्त यह विद्यालय छात्र तथा छात्राओं के लिए समय-समय परविभिन्न आयामों का भी आयोजन करता रहता है।इन आयामों के माध्यम सेही छात्र अपना सर्वांगीणविकास कर सकतेहैं।
व्यक्तिको जीवन मेंअनेकप्रकारकीचुनौतियोंकासामनाकरनापडताहै। ये चुनौतियाँ हमारेलिए एक प्रकारकाउपहारलेकरआतींहैं।इसीप्रकारकीचुनौतियाँ आजहमारेसमाजतथा क्षेत्र मेंव्याप्तहैं।इन्हींचुनौतियोंकोउपहार के रूप मेंस्वीकारकरने के लिए हमनेजयोत्री एकेडमीबचपनकानिर्माणकिया।इस क्षेत्र मेंअषिक्षा के अंधकारकोमिटानेतथागुणवत्तापूर्णषिक्षाप्रदानकीप्रेरणामुझे अपनेपूज्य पिताजी स्व. श्रीजयगोपालपोरवालतथामातापूजनीया स्व. श्रीमतीगायत्री पोरवालसेमिली।
उपरोक्तबातोंको ध्यानमें रखतेहुए हमनेअपनीमाताजीतथापिताजी के नामकोसंयुक्तकरकेइसविद्यालय कानामकरणकियाहै।कालान्तरमें ये सुनामहीहमेंतथाहमारेविद्यालय परिवारकोसदैवप्रेरणाप्रदानकरतारहेगा।जैसाकिआपसभीजानतेहैंकिकिसीकार्यकोकरने के लिए जितनाअधिकसंघर्शकरना पङता है।परिणाम की सफलताभीउतनी षानदारहोतीहै।चुनौतियाँ जलतेहुए अंगारे के समानहोतीहैं।सोना षुद्ध करने के लिए उसेअग्निमेंतपायाजाताहै।तपने के बाद षुद्ध सोने की प्राप्तिहोतीहै।इसीप्रकारकठिनाइयोंसेतपाहुआव्यक्तिहीसफलता के बादपूर्णव्यक्तित्वकाआयामलेकरसमाजकोसुंदरदिषादेताहै।
उपर्युक्ततथ्यों के आलोकमेंप्रधानाचार्य एवंषिक्षकगण के निर्देषनमेंविद्यालय अपनेसुरम्य वातावरणमेंछात्र-छात्राओंके चतुर्दिकविकास द्वारादेष के निर्माणमें अग्रणी भूमिकाकानिर्वाहकरेगा।विद्यालय परिवारको षुभसंदेष एवंविद्यार्थियोंकोस्वर्णिमभविश्य की षुभकामनाएँ।

नीता-मनोजपोरवाल
पूर्वचेयरमेनभरथना
संरक्षक
बचपनप्ले-जयोत्री एकेडमी

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